नकली जीत के नकली हीरो

Wednesday, September 26, 2007

भारत 20-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत चुका है पर शायद ये किसी ने नहीं सोचा कि क्या ये ही असली क्रिकेट है?
नहीं! ये क्रिकेट नहीं हो सकता है, ये केवल एक पैसा कमाने का नया जरिया है जिसे बी.सी.सी.आई और आई.सी.सी. ने अच्छी तरह से भुनाया है. पूरे 140 करोड तो केवल ई.एस.पी.एन.-स्टार नें कमाये हैं और इन्होनें इनसे कहीं गुना अधिक.

और इस जीत के जश्न में कपिल देव जैसे खिलाडियों को भुला दिया गया क्यों?

पिछले दिनो जब आई.सी.एल. ने क्रिकेट लीग बनाई तो इन दोनों लीग की बाँछें खिल गयी थी, क्योंकि एक स्वस्थ प्रतिद्वन्दी जो मिल रहा था,तुरंत ही इस लीग के साथ कई क्रिकेटर जुडे जो इनके लिये अप्रत्याशित था, आनन-फ़ानन में आई.पी.एल. की भी घोषणा कर दी गयी.

अब शुरू करते हैं असली मुद्दाः कपिल देव ने जब आई.सी.एल. ज्वाइन की तो लगा कि देश में नयी-नयी प्रतिभाओं को मौका मिलेगा पर एन मौके पर बी.सी.सी.आई. ने बीच में अपनी टांग इसलिये अडाई की उसकी दुकानदारी में हिस्सेदार आ गया था, उसे इस बात से मतलब नहीं की देश में खेल और स्टेडियम यां संसाधनों की कमी है उसे इसबात से मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा कम समय में पैसा कैसे कमाया जाये!

आज बी.सी.सी.आई कुबेर के खजाने की हैसियत रखता है अगर वो चाहे तो देश भर में स्टेडियमों की बाढ् ला सकता है लेकिन वो क्यों चाहे?

अभी-अभी खबर आयी है कि नाराज हाकी के पदाधिकारी और टीम भूख हड्ताल पर बैठने वाली है. क्या ये लोग देश सेवा नहीं करते?
यां क्रिकेट ही देश के नौनिहालों के भविष्य का खेल है! क्यों?

जब ओलम्पिक की बारी आते है तो क्यों हमारे खेल मन्त्रियों के हाथ पाँव फ़ूल जाते हैं?

स्वर्ण तो छोडिये कांस्य पदक जीतने के लिये जो जद्दोजहद होती वो सारी दुनिया के आगे अपनी फ़जीहत ही तो है और क्या है.
क्या सरकार को इस तरफ़ ध्यान नहीं देना चाहिये कि अगर क्रिकेट से आमदनी होती है तो फ़र्ज बनता है कि उस धन को सभी खेलों और खिलाडियों के विकास में लगाया जाये.
लेकिन ये इस महान भारत देश में सम्भव नहीं है.

बस टी.वी.चैनल पर "सुनो गौर से दुनियां वालो..." सुनते रहो

2 comments:

Sagar Chand Nahar said...

कृपया टाईप करते समय "जस्टीफाई" की बजाय लेफ्ट अलाईन में टाईप किया करें, क्यों कि फायरफोक्स में सारे अख्शर टूट जाते हैं और लेख पढ़ा नहीं जाता।
धन्यवाद
www.nahar.wordpress.com

Sagar Chand Nahar said...

क्षमा कीजिये उपर "अख्शर " की बजाय अक्षर पढ़ें