आज किसी अनामदास ने हमें इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट लिखने के लिये आमंत्रित किया तो हमें लगा शायद ये नाम और ब्लॉग हम जैसे लोगों के लिये ही बनाया हुआ है जो किसी भी विवाद को तब तक जारी रख सकते है जब तक उसका उचित हल ना निकले।
साथ ही साथ हमारे साथियों ने भी इसे हाथों-हाथ लिया है क्योंकि वो सभी लोग भी एक अलग सार्थक मंच चाहते थे।
अब ये मंच आगे क्या गुल खिलायेगा ये आगे चलने पर ही पता चलेगा।
मेरी शुभकामनायें
कमलेश मदान
भगदड् : अब हम भी जुड् गये हैं
Sunday, August 26, 2007
Posted by kamlesh madaan at 2:30 PM
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