आज दिनांक 07.10.2007 के आगरा अंक के प्रथम प्रष्ठ पर हमारी भगदड् टीम के वरिष्ठ सदस्य श्री प्रेम पुनेठा जी का लेख आया है जो निःसंदेह उनकी जीवंत लेखनी को दर्शाता है.
उनका लेख जो दुर्गा भाभी के नाम से प्रकाशित हुआ है वो अभी तक अनछुआ और शायद किसी अखबार में इन दिनों अप्रकाशित भी है.
श्री पुनेठा जी खुद अपना ब्लॉग लिखते है जो शूद्रक नाम से है जो निरंतर लोकप्रियता पा रहा है, क्योंकि इस ब्लॉग में जो उनकी सरलता और विषय चयन पर पकड है वो वाकई में काबिले तारीफ़ है.
वर्तमान में श्री पुनेठा जी आगरा से प्रकाशित हिन्दुस्तान अखबार में कार्यरत हैं.
हमारी भगदड् टीम पुनेठा जी को सलाम करती है और गर्व करती है कि वो और आप सभी किसी ना किसी रूप में चाहे लेखक यां फ़िर पाठक दोनों रूप में जुडे हुये हैं
टीम भगदड्
हमारी भगदड टीम के वरिष्ठ साथी अब हिन्दुस्तान दैनिक के प्रथम प्रष्ठ पर..
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टीम भगदड़
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4:00 AM
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नामकरन के लिये मारामारी
कुछ लोग ब्लॉग नामकरन के लिये बडे ही चिंतित रहते हैं वो सोचते हैं कि जो नाम उन्होने रख दिया क्या वो कोई और भी रखेगा?
जी हाँ ये भी सच है और ऐसा हो भी रहा है
प्रस्तुत है कुछ नाम और उनके रचयिता जो शायद उन्हें ये रोचक जानकारी मिल सके.
नुक्कड
1.ये नाम तरकश की फ़ोरम साइट का है|यहाँ देखें| 10 जनवरी सन 2006 को यह पेज अवतरित हुआ था|
इनका रजिस्टर्ड पता हैः छवि,सी 1, बालाजी प्लाजा,बोदकदेव,अहमदाबाद,गुजरात,भारत-380054
2.सन्मय प्रकाश भी इसे चला रहे हैं| यहाँ पर भी देखें |
3.कान्ति भाई ने भी अपने ब्लॉग का नाम् नुक्कड रखा हुआ है। यहाँ पर भी देखें |
4.पैट्रिक भाई तो नुक्कड ब्लॉग बनाकर अपने आपको भूल ही से गये हैं। आइये देखें जरा उनको भी यहाँ पर
5.और तो और अब ग्लोबल नुक्कड भी बन गया है। इसे भी देखें यहाँ पर|जिनकी स्वामिनी नीना जी हैं, जिन्होने सारथी कॉलम से एक विषय ही आज पूरा का पूरा उडा दिया है शास्त्री जी कहाँ हैं आप? कंठलंगोट वाला लेख आपका ही है ना?
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टीम भगदड़
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11:14 PM
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